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पवित्र बाइबिल - भजन संहिता - भजन संहिता 78

भजन संहिता 78:31-37

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31कि परमेश्‍वर का क्रोध उन पर भड़का, और उसने उनके हष्टपुष्टों को घात किया, और इस्राएल के जवानों को गिरा दिया। (1 कुरि. 10:5)
32इतने पर भी वे और अधिक पाप करते गए; और परमेश्‍वर के आश्चर्यकर्मों पर विश्वास न किया।
33तब उसने उनके दिनों को व्यर्थ श्रम में, और उनके वर्षों को घबराहट में कटवाया।
34जब वह उन्हें घात करने लगता*, तब वे उसको पूछते थे; और फिरकर परमेश्‍वर को यत्न से खोजते थे।
35उनको स्मरण होता था कि परमेश्‍वर हमारी चट्टान है, और परमप्रधान परमेश्‍वर हमारा छुड़ानेवाला है।
36तो भी उन्होंने उसकी चापलूसी की; वे उससे झूठ बोले।
37क्योंकि उनका हृदय उसकी ओर दृढ़ न था; न वे उसकी वाचा के विषय सच्चे थे। (प्रेरि. 8:21)

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