18और अपनी चाह के अनुसार भोजन माँगकर मन ही मन परमेश्वर की परीक्षा की*।
19वे परमेश्वर के विरुद्ध बोले, और कहने लगे, “क्या परमेश्वर जंगल में मेज लगा सकता है?
20उसने चट्टान पर मारके जल बहा तो दिया, और धाराएँ उमण्ड चली, परन्तु क्या वह रोटी भी दे सकता है? क्या वह अपनी प्रजा के लिये माँस भी तैयार कर सकता?”
21यहोवा सुनकर क्रोध से भर गया, तब याकूब के विरुद्ध उसकी आग भड़क उठी, और इस्राएल के विरुद्ध क्रोध भड़का;