Text copied!
CopyCompare
पवित्र बाइबिल - भजन संहिता - भजन संहिता 38

भजन संहिता 38:4-11

Help us?
Click on verse(s) to share them!
4क्योंकि मेरे अधर्म के कामों में मेरा सिर डूब गया, और वे भारी बोझ के समान मेरे सहने से बाहर हो गए हैं।
5मेरी मूर्खता के पाप के कारण मेरे घाव सड़ गए और उनसे दुर्गन्‍ध आती हैं*।
6मैं बहुत दुःखी हूँ और झुक गया हूँ; दिन भर मैं शोक का पहरावा पहने हुए चलता-फिरता हूँ।
7क्योंकि मेरी कमर में जलन है, और मेरे शरीर में आरोग्यता नहीं।
8मैं निर्बल और बहुत ही चूर हो गया हूँ; मैं अपने मन की घबराहट से कराहता हूँ।
9हे प्रभु मेरी सारी अभिलाषा तेरे सम्मुख है, और मेरा कराहना तुझ से छिपा नहीं।
10मेरा हृदय धड़कता है, मेरा बल घटता जाता है; और मेरी आँखों की ज्योति भी मुझसे जाती रही।
11मेरे मित्र और मेरे संगी मेरी विपत्ति में अलग हो गए, और मेरे कुटुम्बी भी दूर जा खड़े हुए। (भज. 31:11, लूका 23:49)

Read भजन संहिता 38भजन संहिता 38
Compare भजन संहिता 38:4-11भजन संहिता 38:4-11