2मेरे मुकद्दमें का निर्णय तेरे सम्मुख हो! तेरी आँखें न्याय पर लगी रहें!
3यदि तू मेरे हृदय को जाँचता; यदि तू रात को मेरा परीक्षण करता, यदि तू मुझे परखता तो कुछ भी खोटापन नहीं पाता; मेरे मुँह से अपराध की बात नहीं निकलेगी।
4मानवीय कामों में मैंने तेरे मुँह के वचनों के द्वारा* अधर्मियों के मार्ग से स्वयं को बचाए रखा।