13उसने लाल समुद्र को विभाजित कर दिया, उसकी करुणा सदा की है।
14और इस्राएल को उसके बीच से पार कर दिया, उसकी करुणा सदा की है;
15और फ़िरौन को उसकी सेना समेत लाल समुद्र में डाल दिया, उसकी करुणा सदा की है।
16वह अपनी प्रजा को जंगल में ले चला, उसकी करुणा सदा की है।
17उसने बड़े-बड़े राजा मारे, उसकी करुणा सदा की है।
18उसने प्रतापी राजाओं को भी मारा, उसकी करुणा सदा की है'
19एमोरियों के राजा सीहोन को, उसकी करुणा सदा की है;
20और बाशान के राजा ओग को घात किया, उसकी करुणा सदा की है।
21और उनके देश को भाग होने के लिये, उसकी करुणा सदा की है;
22अपने दास इस्राएलियों के भाग होने के लिये दे दिया, उसकी करुणा सदा की है।
23उसने हमारी दुर्दशा में हमारी सुधि ली*, उसकी करुणा सदा की है;