4“जो कोई भोला है वह मुड़कर यहीं आए!” और जो निर्बुद्धि है, उससे वह कहती है,
5“आओ, मेरी रोटी खाओ, और मेरे मसाला मिलाए हुए दाखमधु को पीओ।
6मूर्खों का साथ छोड़ो, और जीवित रहो, समझ के मार्ग में सीधे चलो।”
7जो ठट्ठा करनेवाले को शिक्षा देता है, अपमानित होता है, और जो दुष्ट जन को डाँटता है वह कलंकित होता है।