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पवित्र बाइबिल - नीतिवचन - नीतिवचन 4

नीतिवचन 4:20-23

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20हे मेरे पुत्र मेरे वचन ध्यान धरके सुन, और अपना कान मेरी बातों पर लगा।
21इनको अपनी आँखों से ओझल न होने दे; वरन् अपने मन में धारण कर।
22क्योंकि जिनको वे प्राप्त होती हैं, वे उनके जीवित रहने का, और उनके सारे शरीर के चंगे रहने का कारण होती हैं।
23सबसे अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।

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