Text copied!
CopyCompare
पवित्र बाइबिल - नीतिवचन - नीतिवचन 24

नीतिवचन 24:13-20

Help us?
Click on verse(s) to share them!
13हे मेरे पुत्र तू मधु खा, क्योंकि वह अच्छा है, और मधु का छत्ता भी, क्योंकि वह तेरे मुँह में मीठा लगेगा।
14इसी रीति बुद्धि भी तुझे वैसी ही मीठी लगेगी; यदि तू उसे पा जाए तो अन्त में उसका फल भी मिलेगा, और तेरी आशा न टूटेगी।
15तू दुष्ट के समान धर्मी के निवास को नष्ट करने के लिये घात में न बैठ*; और उसके विश्रामस्थान को मत उजाड़;
16क्योंकि धर्मी चाहे सात बार गिरे तो भी उठ खड़ा होता है; परन्तु दुष्ट लोग विपत्ति में गिरकर पड़े ही रहते हैं।
17जब तेरा शत्रु गिर जाए तब तू आनन्दित न हो, और जब वह ठोकर खाए, तब तेरा मन मगन न हो।
18कहीं ऐसा न हो कि यहोवा यह देखकर अप्रसन्न हो और अपना क्रोध उस पर से हटा ले।
19कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, दुष्ट लोगों के कारण डाह न कर;
20क्योंकि बुरे मनुष्य को अन्त में* कुछ फल न मिलेगा, दुष्टों का दीपक बुझा दिया जाएगा।

Read नीतिवचन 24नीतिवचन 24
Compare नीतिवचन 24:13-20नीतिवचन 24:13-20