31जब दाखमधु लाल दिखाई देता है, और कटोरे में उसका सुन्दर रंग होता है, और जब वह धार के साथ उण्डेला जाता है, तब उसको न देखना। (इफिसियों 5:18)
32क्योंकि अन्त में वह सर्प के समान डसता है, और करैत के समान काटता है।
33तू विचित्र वस्तुएँ देखेगा, और उलटी-सीधी बातें बकता रहेगा।