2मनुष्य का सारा चालचलन अपनी दृष्टि में पवित्र ठहरता है*, परन्तु यहोवा मन को तौलता है।
3अपने कामों को यहोवा पर डाल दे*, इससे तेरी कल्पनाएँ सिद्ध होंगी।
4यहोवा ने सब वस्तुएँ विशेष उद्देश्य के लिये बनाई हैं, वरन् दुष्ट को भी विपत्ति भोगने के लिये बनाया है। (कुलुस्सियों. 1:16)
5सब मन के घमण्डियों से यहोवा घृणा करता है; मैं दृढ़ता से कहता हूँ, ऐसे लोग निर्दोष न ठहरेंगे।
6अधर्म का प्रायश्चित कृपा, और सच्चाई से होता है, और यहोवा के भय मानने के द्वारा मनुष्य बुराई करने से बच जाते हैं।
7जब किसी का चालचलन यहोवा को भावता है, तब वह उसके शत्रुओं का भी उससे मेल कराता है।
8अन्याय के बड़े लाभ से, न्याय से थोड़ा ही प्राप्त करना उत्तम है।