8कि उस 'औरत के घर के पास गली के मोड़ से जा रहा है, और उसने उसके घर का रास्ता लिया;
9दिन छिपे शाम के वक़्त, रात के अंधेरे और तारीकी में।
10और देखो, वहाँ उससे एक 'औरत आ मिली, जो दिल की चालाक और कस्बी का लिबास पहने थी।
11वह गौग़ाई और ख़ुदसर है, उसके पाँव अपने घर में नहीं टिकते;