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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - अम्सा - अम्सा 5

अम्सा 5:5-17

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5उसके पाँव मौत की तरफ़ जाते हैं, उसके क़दम पाताल तक पहुँचते हैं।
6इसलिए उसे ज़िन्दगी का हमवार रास्ता नहीं मिलता; उसकी राहें बेठिकाना हैं, पर वह बेख़बर है।
7इसलिए ऐ मेरे बेटो, मेरी सुनो, और मेरे मुँह की बातों से नाफ़रमान न हो।
8उस 'औरत से अपनी राह दूर रख, और उसके घर के दरवाज़े के पास भी न जा;
9ऐसा न हो कि तू अपनी आबरू किसी गै़र के, और अपनी उम्र बेरहम के हवाले करे।
10ऐसा न हो कि बेगाने तेरी कु़व्वत से सेर हों, और तेरी कमाई किसी गै़र के घर जाए;
11और जब तेरा गोश्त और तेरा जिस्म घुल जाये तो तू अपने अन्जाम पर नोहा करे;
12और कहे, “मैंने तरबियत से कैसी 'अदावत रख्खी, और मेरे दिल ने मलामत को हक़ीर जाना।
13न मैंने अपने उस्तादों का कहा माना, न अपने तरबियत करने वालों की सुनी।
14मैं जमा'अत और मजलिस के बीच, क़रीबन सब बुराइयों में मुब्तिला हुआ।”
15तू पानी अपने ही हौज़ से और बहता पानी अपने ही चश्मे से पीना
16क्या तेरे चश्मे बाहर बह जाएँ, और पानी की नदियाँ कूचों में?
17वह सिर्फ़ तेरे ही लिए हों, न तेरे साथ गै़रों के लिए भी।

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