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अम्सा 4:13-18 in Urdu

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अम्सा 4:13-18 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

13 तरबियत को मज़बूती से पकड़े रह, उसे जाने न दे; उसकी हिफ़ाज़त कर क्यूँकि वह तेरी ज़िन्दगी है।
14 शरीरों के रास्ते में न जाना, और बुरे आदमियों की राह में न चलना।
15 उससे बचना, उसके पास से न गुज़रना, उससे मुड़कर आगे बढ़ जाना;
16 क्यूँकि वह जब तक बुराई न कर लें सोते नहीं; और जब तक किसी को गिरा न दें उनकी नींद जाती रहती है।
17 क्यूँकि वह शरारत की रोटी खाते, और जु़ल्म की मय पीते हैं।
18 लेकिन सादिक़ों की राह सुबह की रोशनी की तरह है, जिसकी रोशनी दो पहर तक बढ़ती ही जाती है।
अम्सा 4 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019