19काहिल की राह काँटो की आड़ सी है, लेकिन रास्तकारों का चाल चलन शाहराह की तरह है।
20'अक़्लमंद बेटा बाप को ख़ुश रखता है, लेकिन बेवक़ूफ़ अपनी माँ की तहक़ीर करता है।
21बे'अक़्ल के लिए बेवक़ूफ़ी शादमानी का ज़रिया' है, लेकिन समझदार अपने चाल चलन को दुरुस्त करता है
22सलाह के बगै़र इरादे पूरे नहीं होते, लेकिन सलाहकारों की कसरत से क़याम पाते हैं।
23आदमी अपने मुँह के जवाब से ख़ुश होता है, और बामौक़ा' बात क्या खू़ब है।