5कामिल की सदाक़त उसकी राहनुमाई करेगी लेकिन शरीर अपनी ही शरारत से गिर पड़ेगा।
6रास्तबाज़ों की सदाक़त उनको रिहाई देगी, लेकिन दग़ाबाज़ अपनी ही बद नियती में फँस जाएँगे।
7मरने पर शरीर का उम्मीद ख़ाक में मिल जाता है, और ज़ालिमों की उम्मीद बर्बाद हो जाती है।