20सादिक़ की ज़बान खालिस चाँदी है; शरीरों के दिल बेक़द्र हैं
21सादिक़ के होंट बहुतों को गिज़ा पहुँचाते है लेकिन बेवक़ूफ़ बे'अक़्ली से मरते हैं।
22ख़ुदावन्द ही की बरकत दौलत बख़्शती है, और वह उसके साथ दुख नहीं मिलाता।
23बेवक़ूफ़ के लिए शरारत खेल है, लेकिन हिकमत 'अक़्लमंद के लिए है।
24शरीर का ख़ौफ़ उस पर आ पड़ेगा, और सादिक़ों की मुराद पूरी होगी।