Text copied!
Bibles in Hindi

सभोपदेशक 7:6-13 in Hindi

Help us?

सभोपदेशक 7:6-13 in पवित्र बाइबिल

6 क्योंकि मूर्ख की हँसी हाण्डी के नीचे जलते हुए काँटों ही चरचराहट* के समान होती है; यह भी व्यर्थ है।
7 निश्चय अंधेर से बुद्धिमान बावला हो जाता है*; और घूस से बुद्धि नाश होती है।
8 किसी काम के आरम्भ से उसका अन्त उत्तम है; और धीरजवन्त पुरुष अहंकारी से उत्तम है।
9 अपने मन में उतावली से क्रोधित न हो, क्योंकि क्रोध मूर्खों ही के हृदय में रहता है। (याकूब. 1:19)
10 यह न कहना, “बीते दिन इनसे क्यों उत्तम थे?” क्योंकि यह तू बुद्धिमानी से नहीं पूछता।
11 बुद्धि विरासत के साथ अच्छी होती है, वरन् जीवित रहनेवालों के लिये लाभकारी है।
12 क्योंकि बुद्धि की आड़* रुपये की आड़ का काम देता है; परन्तु ज्ञान की श्रेष्ठता यह है कि बुद्धि से उसके रखनेवालों के प्राण की रक्षा होती है।
13 परमेश्‍वर के काम पर दृष्टि कर; जिस वस्तु को उसने टेढ़ा किया हो उसे कौन सीधा कर सकता है?
सभोपदेशक 7 in पवित्र बाइबिल