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लैव्यव्यवस्था 19:16-34 in Hindi

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लैव्यव्यवस्था 19:16-34 in पवित्र बाइबिल

16 बकवादी बनके अपने लोगों में न फिरा करना, और एक दूसरे का लहू बहाने की युक्तियाँ न बाँधना; मैं यहोवा हूँ।
17 “अपने मन में एक दूसरे के प्रति बैर न रखना*; अपने पड़ोसी को अवश्य डाँटना, नहीं तो उसके पाप का भार तुझको उठाना पड़ेगा। (मत्ती 18:15)
18 बदला न लेना, और न अपने जाति भाइयों से बैर रखना, परन्तु एक दूसरे से अपने समान प्रेम रखना; मैं यहोवा हूँ। (मत्ती 5:43, मत्ती 19:19, मत्ती 22:39, मर. 12:31-33, लूका 10:27, रोम. 12:19, रोम. 13:9, गला. 5:14, याकूब. 2:8)
19 “तुम मेरी विधियों को निरन्तर मानना। अपने पशुओं को भिन्न जाति के पशुओं से मेल न खाने देना; अपने खेत में दो प्रकार के बीज इकट्ठे न बोना; और सनी और ऊन की मिलावट से बना हुआ वस्त्र न पहनना।
20 “फिर कोई स्त्री दासी हो, और उसकी मंगनी किसी पुरुष से हुई हो*, परन्तु वह न तो दास से और न सेंत-मेंत स्वाधीन की गई हो; उससे यदि कोई कुकर्म करे, तो उन दोनों को दण्ड तो मिले, पर उस स्त्री के स्वाधीन न होने के कारण वे दोनों मार न डाले जाएँ।
21 पर वह पुरुष मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के पास एक मेढ़ा दोषबलि के लिये ले आए।
22 और याजक उसके किये हुए पाप के कारण दोषबलि के मेढ़े के द्वारा उसके लिये यहोवा के सामने प्रायश्चित करे; तब उसका किया हुआ पाप क्षमा किया जाएगा।
23 “फिर जब तुम कनान देश में पहुँचकर किसी प्रकार के फल के वृक्ष लगाओ, तो उनके फल तीन वर्ष तक तुम्हारे लिये मानो खतनारहित ठहरे रहें; इसलिए उनमें से कुछ न खाया जाए।
24 और चौथे वर्ष में उनके सब फल यहोवा की स्तुति करने के लिये पवित्र ठहरें।
25 तब पाँचवें वर्ष में तुम उनके फल खाना, इसलिए कि उनसे तुमको बहुत फल मिलें; मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ।
26 “तुम लहू लगा हुआ कुछ माँस न खाना। और न टोना करना, और न शुभ या अशुभ मुहूर्त्तों को मानना।
27 अपने सिर में घेरा रखकर न मुँड़ाना, और न अपने गाल के बालों को मुँड़ाना।
28 मुर्दों के कारण अपने शरीर को बिलकुल न चीरना, और न उसमें छाप लगाना; मैं यहोवा हूँ।
29 “अपनी बेटियों को वेश्या बनाकर अपवित्र न करना, ऐसा न हो कि देश वेश्यागमन के कारण महापाप से भर जाए।
30 मेरे विश्रामदिन को माना करना, और मेरे पवित्रस्‍थान का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूँ।
31 “ओझाओं और भूत साधने वालों की ओर न फिरना, और ऐसों की खोज करके उनके कारण अशुद्ध न हो जाना; मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ।
32 “पक्के बालवाले के सामने उठ खड़े होना, और बूढ़े का आदरमान करना, और अपने परमेश्‍वर का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूँ। (1 तीमु. 5:1)
33 “यदि कोई परदेशी तुम्हारे देश में तुम्हारे संग रहे, तो उसको दुःख न देना।
34 जो परदेशी तुम्हारे संग रहे वह तुम्हारे लिये देशी के समान हो, और उससे अपने ही समान प्रेम रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे; मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ*।
लैव्यव्यवस्था 19 in पवित्र बाइबिल