Text copied!
Bibles in Urdu

लूका 23:30-35 in Urdu

Help us?

लूका 23:30-35 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

30 फिर लोग पहाड़ों से कहने लगेंगे, हम पर गिर पड़ो, और पहाड़ियों से कि ‘हमें छुपा लो।”’
31 “क्यूँकि अगर हरे दरख़्त से ऐसा सुलूक किया जाता है तो फिर सूखे के साथ क्या कुछ न किया जाएगा?”
32 दो और मर्दों को भी मस्लूब करने के लिए बाहर ले जाया जा रहा था। दोनों मुजरिम थे।
33 चलते चलते वह उस जगह पहुँचे जिस का नाम खोपड़ी था। वहाँ उन्हों ने ईसा को दोनों मुजरिमों समेत मस्लूब किया। एक मुजरिम को उस के दाएँ हाथ और दूसरे को उस के बाएँ हाथ लटका दिया गया।
34 ईसा ने कहा, “ऐ बाप, इन्हें मुआफ़ कर, क्यूँकि यह जानते नहीं कि क्या कर रहे हैं।” उन्हों ने पर्ची डाल कर उस के कपड़े आपस में बाँट लिए।
35 हुजूम वहाँ खड़ा तमाशा देखता रहा जबकि क़ौम के सरदारों ने उस का मज़ाक़ भी उड़ाया। उन्हों ने कहा, “उस ने औरों को बचाया है। अगर यह ख़ुदा का चुना हुआ और मसीह है तो अपने आप को बचाए।”
लूका 23 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019