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लूका 12:10-17 in Hindi

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लूका 12:10-17 in पवित्र बाइबिल

10 “जो कोई मनुष्य के पुत्र के विरोध में कोई बात कहे, उसका वह अपराध क्षमा किया जाएगा। परन्तु जो पवित्र आत्मा की निन्दा करें, उसका अपराध क्षमा नहीं किया जाएगा।
11 “जब लोग तुम्हें आराधनालयों और अधिपतियों और अधिकारियों के सामने ले जाएँ, तो चिन्ता न करना कि हम किस रीति से या क्या उत्तर दें, या क्या कहें।
12 क्योंकि पवित्र आत्मा उसी घड़ी तुम्हें सीखा देगा, कि क्या कहना चाहिए।”
13 फिर भीड़ में से एक ने उससे कहा, “हे गुरु, मेरे भाई से कह, कि पिता की संपत्ति मुझे बाँट दे*।”
14 उसने उससे कहा, “हे मनुष्य, किस ने मुझे तुम्हारा न्यायी या बाँटनेवाला नियुक्त किया है?” (निर्ग. 2:14)
15 और उसने उनसे कहा, “सावधान रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो; क्योंकि किसी का जीवन उसकी संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता।”
16 उसने उनसे एक दृष्टान्त कहा, “किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई।
17 “तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्या करूँ, क्योंकि मेरे यहाँ जगह नहीं, जहाँ अपनी उपज इत्यादि रखूँ।
लूका 12 in पवित्र बाइबिल