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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - रसूलों - रसूलों 14

रसूलों 14:12-27

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12और उन्होंने बरनबास को ज़ियूस कहा, और पौलुस को हरमेस इसलिए कि ये कलाम करने में सबक़त रखता था।
13और ज़ियूस कि उस मन्दिर का पुजारी जो उनके शहर के सामने था, बैल और फ़ूलों के हार फाटक पर लाकर लोगों के साथ क़ुर्बानी करना चहता था।”
14जब बरनबास और पौलुस रसूलों ने ये सुना तो अपने कपड़े फाड़ कर लोगों में जा कूदे, और पुकार पुकार कर।
15कहने लगे, लोगो तुम ये क्या करते हो? हम भी तुम्हारी हम तबी'अत इंसान हैं और तुम्हें ख़ुशख़बरी सुनाते हैं ताकि इन बातिल चीज़ों से किनारा करके ज़िन्दा ख़ुदा की तरफ़ फिरो, जिस ने आसमान और ज़मीन और समुन्दर और जो कुछ उन में है, पैदा किया।
16उस ने अगले ज़माने में सब क़ौमों को अपनी अपनी राह पर चलने दिया।
17तोभी उस ने अपने आप को बेगवाह न छोड़ा। चुनाँचे, उस ने महरबानियाँ कीं और आसमान से तुम्हारे लिए पानी बरसाया और बड़ी बड़ी पैदावार के मौसम अता' किए और तुम्हारे दिलों को ख़ुराक और ख़ुशी से भर दिया।
18ये बातें कहकर भी लोगों को मुश्किल से रोका कि उन के लिए क़ुर्बानी न करें।
19फिर कुछ यहूदी अन्ताकिया और इकुनियुम से आए और लोगों को अपनी तरफ़ करके पौलुस पर पथराव किया और उसको मुर्दा समझकर शहर के बाहर घसीट ले गए।
20मगर जब शागिर्द उसके आस पास आ खड़े हुए, तो वो उठ कर शहर में आया, और दूसरे दिन बरनबास के साथ दिरबे शहर को चला गया।
21और वो उस शहर में ख़ुशख़बरी सुना कर और बहुत से शागिर्द करके लुस्तरा और इकुनियुम और अन्ताकिया को वापस आए।
22और शागिर्दों के दिलों को मज़बूत करते, और ये नसीहत देते थे, कि ईमान पर क़ाईम रहो और कहते थे “ज़रूर है कि हम बहुत मुसीबतें सहकर ख़ुदा की बादशाही में दाख़िल हों।”
23और उन्होंने हर एक कलीसिया में उनके लिए बुज़ुर्गों को मुक़र्रर किया और रोज़ा रखकर और दुआ करके उन्हें दावन्द के सुपुर्द किया, जिस पर वो ईमान लाए थे।
24और पिसदिया मुल्क में से होते हुए पम्फ़ीलिया मुल्क में पहुँचे।
25और पिरगे में कलाम सुनाकर अत्तलिया को गए।
26और वहाँ से जहाज़ पर उस अन्ताकिया में आए, जहाँ उस काम के लिए जो उन्होंने अब पूरा किया ख़ुदा के फ़ज़ल के सुपुर्द किए गए थे।
27वहाँ पहुँचकर उन्होंने कलीसिया को जमा किया और उन के सामने बयान किया कि ख़ुदा ने हमारे ज़रिए क्या कुछ किया और ये कि उस ने ग़ैर क़ौमों के लिए ईमान का दरवाज़ा खोल दिया।

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