13 और उसे एक आवाज़ आई कि ऐ पतरस, “उठ ज़बह कर और खा,”
14 मगर पतरस ने कहा, “ऐ ख़ुदावन्द हरगिज़ नहीं क्यूँकि में ने कभी कोई हराम या नापाक चीज़ नहीं खाई।”
15 फिर दूसरी बार उसे आवाज़ आई, कि “जिनको ख़ुदा ने पाक ठहराया है तू उन्हें हराम न कह”
16 तीन बार ऐसा ही हुआ, और फ़ौरन वो चीज़ आसमान पर उठा ली गई।
17 जब पतरस अपने दिल में हैरान हो रहा था, कि ये रोया जो में ने देखी क्या है, तो देखो वो आदमी जिन्हें कुर्नेलियुस ने भेजा था, शमौन के घर पूछ कर के दरवाज़े पर आ खड़े हुए।
18 और पुकार कर पूछने लगे कि शमौन जो पतरस कहलाता है? “यही मेहमान है।”
19 जब पतरस उस ख़्वाब को सोच रहा था, तो रूह ने उस से कहा देख तीन आदमी तुझे पूछ रहे हैं।