12 उन्हों ने पूछा, वह कहाँ है? उसने कहा, मैं नहीं जानता”
13 तब वह सही हुए अंधे को फ़रीसियों के पास ले गए।
14 जिस दिन ईसा ने मिट्टी सान कर उस की आँखों को सही किया था वह सबत का दिन था।
15 इस लिए फ़रीसियों ने भी उस से पूछ — ताछ की कि उसे किस तरह आँख की रौशनी मिल गई। आदमी ने जवाब दिया, “उस ने मेरी आँखों पर मिट्टी लगा दी, फिर मैं ने नहा लिया और अब देख सकता हूँ।”
16 फ़रीसियों में से कुछ ने कहा, “यह शख़्स ख़ुदा की तरफ़ से नहीं है, क्यूँकि सबत के दिन काम करता है।”