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यूह 12:21-36 in Urdu

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यूह 12:21-36 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

21 अब वह फ़िलिप्पुस से मिलने आए जो गलील के बैत — सैदा से था। उन्हों ने कहा, “जनाब, हम ईसा से मिलना चाहते हैं।”
22 फ़िलिप्पुस ने अन्द्रियास को यह बात बताई और फिर वह मिल कर ईसा के पास गए और उसे यह ख़बर पहुँचाई।
23 लेकिन ईसा ने जवाब दिया, “अब वक़्त आ गया है कि इब्न — ए — आदम को जलाल मिले।
24 मैं तुम को सच बताता हूँ कि जब तक गन्दुम का दाना ज़मीन में गिर कर मर न जाए वह अकेला ही रहता है। लेकिन जब वह मर जाता है तो बहुत सा फल लाता है।
25 जो अपनी जान को प्यार करता है वह उसे खो देगा, और जो इस दुनियाँ में अपनी जान से दुश्मनी रखता है वह उसे हमेशा तक बचाए रखेगा।
26 अगर कोई मेरी ख़िदमत करना चाहे तो वह मेरे पीछे हो ले, क्यूँकि जहाँ मैं हूँ वहाँ मेरा ख़ादिम भी होगा। और जो मेरी ख़िदमत करे मेरा बाप उस की इज़्ज़त करेगा।
27 “अब मेरा दिल घबराता है। मैं क्या कहूँ? क्या मैं कहूँ, ‘ऐ बाप, मुझे इस वक़्त से बचाए रख’? नहीं, मैं तो इसी लिए आया हूँ।
28 ऐ बाप, अपने नाम को जलाल दे।” पस आसमान से आवाज़ आई कि मैंने उस को जलाल दिया है और भी दूँगा
29 मजमा के जो लोग वहाँ खड़े थे उन्हों ने यह सुन कर कहा, बादल गरज रहे हैं। औरों ने ख़याल पेश किया, “कोई फ़रिश्ते ने उस से बातें की”
30 ईसा ने उन्हें बताया, “यह आवाज़ मेरे वास्ते नहीं बल्कि तुम्हारे वास्ते थी।
31 अब दुनियाँ की अदालत करने का वक़्त आ गया है, अब दुनियाँ पे हुकूमत करने वालों को निकाल दिया जाएगा।
32 और मैं ख़ुद ज़मीन से ऊँचे पर चढ़ाए जाने के बाद सब को अपने पास बुला लूँगा।”
33 इन बातों से उस ने इस तरफ़ इशारा किया कि वह किस तरह की मौत मरेगा।
34 मजमा बोल उठा, कलाम — ए — मुक़द्दस से हम ने सुना है कि मसीह हमेशा तक क़ाईम रहेगा। तो फिर आप की यह कैसी बात है कि “इब्न — ए — आदम को ऊँचे पर चढ़ाया जाना है?” आख़िर इब्न — ए — आदम है कौन?
35 ईसा ने जवाब दिया, “रोशनी थोड़ी देर और तुम्हारे पास रहेगी। जितनी देर वह मौजूद है इस रोशनी में चलते रहो ताकि अँधेरा तुम पर छा न जाए। जो अंधेरे में चलता है उसे नहीं मालूम कि वह कहाँ जा रहा है।
36 रोशनी तुम्हारे पास से चले जाने से पहले पहले उस पर ईमान लाओ ताकि तुम ख़ुदा के फ़र्ज़न्द बन जाओ।”
यूह 12 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019