31 यदि मैं आप ही अपनी गवाही दूँ; तो मेरी गवाही सच्ची नहीं।
32 एक और है जो मेरी गवाही देता है, और मैं जानता हूँ कि मेरी जो गवाही वह देता है, वह सच्ची है।
33 तुम ने यूहन्ना से पुछवाया और उसने सच्चाई की गवाही दी है।
34 परन्तु मैं अपने विषय में मनुष्य की गवाही नहीं चाहता*; फिर भी मैं ये बातें इसलिए कहता हूँ, कि तुम्हें उद्धार मिले।
35 वह तो जलता और चमकता हुआ दीपक था; और तुम्हें कुछ देर तक उसकी ज्योति में, मगन होना अच्छा लगा।
36 परन्तु मेरे पास जो गवाही है, वह यूहन्ना की गवाही से बड़ी है: क्योंकि जो काम पिता ने मुझे पूरा करने को सौंपा है अर्थात् यही काम जो मैं करता हूँ, वे मेरे गवाह हैं, कि पिता ने मुझे भेजा है।