18 जब वह उसके पास आई, तो उसने उस आदमी को उभारा कि वह उसके बाप से एक खेत माँगे; इसलिए वह अपने गधे पर से उतर पड़ी, तब कालिब ने उससे कहा, “तू क्या चाहती है?”
19 उस ने कहा, “मुझे बरकत दे; क्यूँकि तूने दख्खिन के मुल्क में कुछ ज़मीन मुझे 'इनायत की है, इसलिए मुझे पानी के चश्में भी दे।” तब उसने उसे ऊपर के चश्में और नीचे के चश्में 'इनायत किये।
20 बनी यहूदाह के क़बीले की मीरास उनके घरानों के मुताबिक़ यह है।
21 और अदोम की सरहद की तरफ़ दख्खिन में बनी यहूदाह के इन्तिहाई शहर यह हैं: क़बज़ीएल और 'एदर और यजूर,
22 और कै़ना और दैमूना और 'अद 'अदा,
23 और क़ादिस और हसूर और इतनान,
24 ज़ीफ़ और तलम और बा'लूत,
25 और हसूर और हदता और क़रयत और हसरून जो हसूर हैं,
26 और अमाम और समा' और मोलादा,
27 और हसार जद्दा और हिशमोन और बैत फ़लत,
28 और हसर सु'आल और बैरसबा'और बिज़योत्याह,
29 बा'ला और 'इय्यीम और 'अज़म,
30 और इलतोलद और कसील और हुरमा,
31 और सिक़लाज और मदमन्ना और सनसन्ना,
32 और लबाऊत और सिलहीम और 'ऐन और रिम्मोन; यह सब उन्तीस शहर हैं, और इनके गाँव भी हैं।
33 और नशेब की ज़मीन में इस्ताल और सुर'आह और असनाह,