8 क्यूँकि उस ने उससे कहा था, “ऐ बदरूह! इस आदमी में से निकल आ।”
9 फिर उसने उससे पूछा “तेरा नाम क्या है?” उस ने उससे कहा “मेरा नाम लश्कर, है क्यूँकि हम बहुत हैं।”
10 फिर उसने उसकी बहुत मिन्नत की, कि हमें इस इलाक़े से बाहर न भेज।
11 और वहाँ पहाड़ पर ख़िन्जीरों यनी सूवरों का एक बड़ा ग़ोल चर रहा था।
12 पस उन्होंने उसकी मिन्नत करके कहा, “हम को उन ख़िन्जीरों यनी सूवरों में भेज दे, ताकि हम इन में दाख़िल हों।”
13 पस उसने उनको इजाज़त दी और बदरूहें निकल कर ख़िन्जीरों यनी सूवरों में दाख़िल हो गईं, और वो ग़ोल जो कोई दो हज़ार का था किनारे पर से झपट कर झील में जा पड़ा और झील में डूब मरा।
14 और उनके चराने वालों ने भागकर शहर और देहात में ख़बर पहुँचाई।