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भजन संहिता 66:7-15 in Hindi

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भजन संहिता 66:7-15 in पवित्र बाइबिल

7 जो अपने पराक्रम से सर्वदा प्रभुता करता है, और अपनी आँखों से जाति-जाति को ताकता है। विद्रोही अपने सिर न उठाए। (सेला)
8 हे देश-देश के लोगों, हमारे परमेश्‍वर को धन्य कहो, और उसकी स्तुति में राग उठाओ,
9 जो हमको जीवित रखता है; और हमारे पाँव को टलने नहीं देता।
10 क्योंकि हे परमेश्‍वर तूने हमको जाँचा; तूने हमें चाँदी के समान ताया था*। (1 पत. 1:7, यह. 48:10)
11 तूने हमको जाल में फँसाया; और हमारी कमर पर भारी बोझ बाँधा था;
12 तूने घुड़चढ़ों को हमारे सिरों के ऊपर से चलाया, हम आग और जल से होकर गए; परन्तु तूने हमको उबार के सुख से भर दिया है।
13 मैं होमबलि लेकर तेरे भवन में आऊँगा मैं उन मन्नतों को तेरे लिये पूरी करूँगा*,
14 जो मैंने मुँह खोलकर मानीं, और संकट के समय कही थीं।
15 मैं तुझे मोटे पशुओं की होमबलि, मेढ़ों की चर्बी की धूप समेत चढ़ाऊँगा; मैं बकरों समेत बैल चढ़ाऊँगा। (सेला)
भजन संहिता 66 in पवित्र बाइबिल