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भजन संहिता 51:9-18 in Hindi

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भजन संहिता 51:9-18 in पवित्र बाइबिल

9 अपना मुख मेरे पापों की ओर से फेर ले, और मेरे सारे अधर्म के कामों को मिटा डाल।
10 हे परमेश्‍वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्‍पन्‍न कर*, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्‍पन्‍न कर।
11 मुझे अपने सामने से निकाल न दे, और अपने पवित्र आत्मा को मुझसे अलग न कर।
12 अपने किए हुए उद्धार का हर्ष मुझे फिर से दे, और उदार आत्मा देकर मुझे सम्भाल।
13 जब मैं अपराधी को तेरा मार्ग सिखाऊँगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।
14 हे परमेश्‍वर, हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर, मुझे हत्या के अपराध से छुड़ा ले, तब मैं तेरे धर्म का जयजयकार करने पाऊँगा।
15 हे प्रभु, मेरा मुँह खोल दे तब मैं तेरा गुणानुवाद कर सकूँगा।
16 क्योंकि तू बलि से प्रसन्‍न नहीं होता, नहीं तो मैं देता; होमबलि से भी तू प्रसन्‍न नहीं होता।
17 टूटा मन* परमेश्‍वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्‍वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।
18 प्रसन्‍न होकर सिय्योन की भलाई कर, यरूशलेम की शहरपनाह को तू बना,
भजन संहिता 51 in पवित्र बाइबिल