6 वहाँ कँपकँपी ने उनको आ पकड़ा, और जच्चा की सी पीड़ाएँ उन्हें होने लगीं।
7 तू पूर्वी वायु से तर्शीश के जहाजों को तोड़ डालता है*।
8 सेनाओं के यहोवा के नगर में, अपने परमेश्वर के नगर में, जैसा हमने सुना था, वैसा देखा भी है; परमेश्वर उसको सदा दृढ़ और स्थिर रखेगा।
9 हे परमेश्वर हमने तेरे मन्दिर के भीतर तेरी करुणा पर ध्यान किया है।
10 हे परमेश्वर तेरे नाम के योग्य तेरी स्तुति पृथ्वी की छोर तक होती है। तेरा दाहिना हाथ धर्म से भरा है;
11 तेरे न्याय के कामों के कारण सिय्योन पर्वत आनन्द करे, और यहूदा के नगर की पुत्रियाँ मगन हों!