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भजन संहिता 44:15-26 in Hindi

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भजन संहिता 44:15-26 in पवित्र बाइबिल

15 दिन भर हमें तिरस्कार सहना पड़ता है*, और कलंक लगाने और निन्दा करनेवाले के बोल से,
16 शत्रु और बदला लेनेवालों के कारण, बुरा-भला कहनेवालों और निन्दा करनेवालों के कारण।
17 यह सब कुछ हम पर बिता तो भी हम तुझे नहीं भूले, न तेरी वाचा के विषय विश्वासघात किया है।
18 हमारे मन न बहके, न हमारे पैर तरी राह से मुड़ें;
19 तो भी तूने हमें गीदड़ों के स्थान में पीस डाला, और हमको घोर अंधकार में छिपा दिया है।
20 यदि हम अपने परमेश्‍वर का नाम भूल जाते, या किसी पराए देवता की ओर अपने हाथ फैलाते,
21 तो क्या परमेश्‍वर इसका विचार न करता? क्योंकि वह तो मन की गुप्त बातों को जानता है।
22 परन्तु हम दिन भर तेरे निमित्त मार डाले जाते हैं, और उन भेड़ों के समान समझे जाते हैं जो वध होने पर हैं। (रोम. 8:36)
23 हे प्रभु, जाग! तू क्यों सोता है? उठ! हमको सदा के लिये त्याग न दे!
24 तू क्यों अपना मुँह छिपा लेता है*? और हमारा दुःख और सताया जाना भूल जाता है?
25 हमारा प्राण मिट्टी से लग गया; हमारा शरीर भूमि से सट गया है।
26 हमारी सहायता के लिये उठ खड़ा हो। और अपनी करुणा के निमित्त हमको छुड़ा ले।
भजन संहिता 44 in पवित्र बाइबिल