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भजन संहिता 42:2-9 in Hindi

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भजन संहिता 42:2-9 in पवित्र बाइबिल

2 जीविते परमेश्‍वर, हाँ परमेश्‍वर, का मैं प्यासा हूँ, मैं कब जाकर परमेश्‍वर को अपना मुँह दिखाऊँगा? (भज. 63:1, प्रका. 22:4)
3 मेरे आँसू दिन और रात मेरा आहार हुए हैं; और लोग दिन भर मुझसे कहते रहते हैं, तेरा परमेश्‍वर कहाँ है?
4 मैं कैसे भीड़ के संग जाया करता था, मैं जयजयकार और धन्यवाद के साथ उत्सव करनेवाली भीड़ के बीच में परमेश्‍वर के भवन* को धीरे-धीरे जाया करता था; यह स्मरण करके मेरा प्राण शोकित हो जाता है।
5 हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? और तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्‍वर पर आशा लगाए रह; क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूँगा। (मत्ती 26:38, मर. 14:34, यूह. 12:27)
6 हे मेरे परमेश्‍वर; मेरा प्राण मेरे भीतर गिरा जाता है, इसलिए मैं यरदन के पास के देश से और हेर्मोन के पहाड़ों और मिसगार की पहाड़ी के ऊपर से तुझे स्मरण करता हूँ।
7 तेरी जलधाराओं का शब्द सुनकर जल, जल को पुकारता है*; तेरी सारी तरंगों और लहरों में मैं डूब गया हूँ।
8 तो भी दिन को यहोवा अपनी शक्ति और करुणा प्रगट करेगा; और रात को भी मैं उसका गीत गाऊँगा, और अपने जीवनदाता परमेश्‍वर से प्रार्थना करूँगा।
9 मैं परमेश्‍वर से जो मेरी चट्टान है कहूँगा, “तू मुझे क्यों भूल गया? मैं शत्रु के अत्याचार के मारे क्यों शोक का पहरावा पहने हुए चलता-फिरता हूँ?”
भजन संहिता 42 in पवित्र बाइबिल