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भजन संहिता 40:10-17 in Hindi

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भजन संहिता 40:10-17 in पवित्र बाइबिल

10 मैंने तेरा धर्म मन ही में नहीं रखा; मैंने तेरी सच्चाई और तेरे किए हुए उद्धार की चर्चा की है; मैंने तेरी करुणा और सत्यता बड़ी सभा से गुप्त नहीं रखी।
11 हे यहोवा, तू भी अपनी बड़ी दया मुझ पर से न हटा ले, तेरी करुणा और सत्यता से निरन्तर मेरी रक्षा होती रहे!
12 क्योंकि मैं अनगिनत बुराइयों से घिरा हुआ हूँ; मेरे अधर्म के कामों ने मुझे आ पकड़ा और मैं दृष्टि नहीं उठा सकता; वे गिनती में मेरे सिर के बालों से भी अधिक हैं; इसलिए मेरा हृदय टूट गया।
13 हे यहोवा, कृपा करके मुझे छुड़ा ले! हे यहोवा, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर!
14 जो मेरे प्राण की खोज में हैं, वे सब लज्जित हों; और उनके मुँह काले हों और वे पीछे हटाए और निरादर किए जाएँ जो मेरी हानि से प्रसन्‍न होते हैं।
15 जो मुझसे, “आहा, आहा,” कहते हैं, वे अपनी लज्जा के मारे विस्मित हों।
16 परन्तु जितने तुझे ढूँढ़ते हैं, वह सब तेरे कारण हर्षित और आनन्दित हों; जो तेरा किया हुआ उद्धार चाहते हैं, वे निरन्तर कहते रहें, “यहोवा की बड़ाई हो!”
17 मैं तो दीन और दरिद्र हूँ, तो भी प्रभु मेरी चिन्ता करता है। तू मेरा सहायक और छुड़ानेवाला है; हे मेरे परमेश्‍वर विलम्ब न कर।
भजन संहिता 40 in पवित्र बाइबिल