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भजन संहिता 33:4-13 in Hindi

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भजन संहिता 33:4-13 in पवित्र बाइबिल

4 क्योंकि यहोवा का वचन सीधा है*; और उसका सब काम निष्पक्षता से होता है।
5 वह धर्म और न्याय से प्रीति रखता है; यहोवा की करुणा से पृथ्वी भरपूर है।
6 आकाशमण्डल यहोवा के वचन से, और उसके सारे गण उसके मुँह की श्‍वास से बने। (इब्रा. 11:3)
7 वह समुद्र का जल ढेर के समान इकट्ठा करता*; वह गहरे सागर को अपने भण्डार में रखता है।
8 सारी पृथ्वी के लोग यहोवा से डरें, जगत के सब निवासी उसका भय मानें!
9 क्योंकि जब उसने कहा, तब हो गया; जब उसने आज्ञा दी, तब वास्तव में वैसा ही हो गया।
10 यहोवा जाति-जाति की युक्ति को व्यर्थ कर देता है; वह देश-देश के लोगों की कल्पनाओं को निष्फल करता है।
11 यहोवा की योजना सर्वदा स्थिर रहेगी, उसके मन की कल्पनाएँ पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहेंगी।
12 क्या ही धन्य है वह जाति जिसका परमेश्‍वर यहोवा है, और वह समाज जिसे उसने अपना निज भाग होने के लिये चुन लिया हो!
13 यहोवा स्वर्ग से दृष्टि करता है, वह सब मनुष्यों को निहारता है;
भजन संहिता 33 in पवित्र बाइबिल