7 यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है*।
8 यहोवा की वाणी वन को हिला देती है, यहोवा कादेश के वन को भी कँपाता है।
9 यहोवा की वाणी से हिरनियों का गर्भपात हो जाता है। और जंगल में पतझड़ होता है; और उसके मन्दिर में सब कोई “महिमा ही महिमा” बोलते रहते है।
10 जल-प्रलय के समय यहोवा विराजमान था; और यहोवा सर्वदा के लिये राजा होकर विराजमान रहता है।