15 और फ़िरौन को उसकी सेना समेत लाल समुद्र में डाल दिया, उसकी करुणा सदा की है।
16 वह अपनी प्रजा को जंगल में ले चला, उसकी करुणा सदा की है।
17 उसने बड़े-बड़े राजा मारे, उसकी करुणा सदा की है।
18 उसने प्रतापी राजाओं को भी मारा, उसकी करुणा सदा की है'
19 एमोरियों के राजा सीहोन को, उसकी करुणा सदा की है;
20 और बाशान के राजा ओग को घात किया, उसकी करुणा सदा की है।
21 और उनके देश को भाग होने के लिये, उसकी करुणा सदा की है;
22 अपने दास इस्राएलियों के भाग होने के लिये दे दिया, उसकी करुणा सदा की है।
23 उसने हमारी दुर्दशा में हमारी सुधि ली*, उसकी करुणा सदा की है;
24 और हमको द्रोहियों से छुड़ाया है, उसकी करुणा सदा की है।
25 वह सब प्राणियों को आहार देता है*, उसकी करुणा सदा की है।
26 स्वर्ग के परमेश्वर का धन्यवाद करो, उसकी करुणा सदा की है।