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फ़िलि 4:10-14 in Urdu

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फ़िलि 4:10-14 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

10 मैं ख़ुदावन्द में बहुत ख़ुश हूँ कि अब इतनी मुद्दत के बाद तुम्हारा ख़याल मेरे लिए सरसब्ज़ हुआ; बेशक तुम्हें पहले भी इसका ख़याल था, मगर मौक़ा न मिला।
11 ये नहीं कि मैं मोहताजी के लिहाज़ से कहता हूँ; क्यूँकि मैंने ये सीखा है कि जिस हालत में हूँ उसी पर राज़ी रहूँ
12 मैं पस्त होना भी जनता हूँ और बढ़ना भी जनता हूँ; हर एक बात और सब हालतों में मैंने सेर होना, भूखा रहना और बढ़ना घटना सीखा है।
13 जो मुझे ताक़त बख़्शता है, उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूँ।
14 तो भी तुम ने अच्छा किया जो मेरी मुसीबतों में शरीक हुए।
फ़िलि 4 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019