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नीतिवचन 8:22-33 in Hindi

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नीतिवचन 8:22-33 in पवित्र बाइबिल

22 “यहोवा ने मुझे काम करने के आरम्भ में, वरन् अपने प्राचीनकाल के कामों से भी पहले उत्‍पन्‍न किया*।
23 मैं सदा से वरन् आदि ही से पृथ्वी की सृष्टि से पहले ही से ठहराई गई हूँ।
24 जब न तो गहरा सागर था, और न जल के सोते थे, तब ही से मैं उत्‍पन्‍न हुई।
25 जब पहाड़ और पहाड़ियाँ स्थिर न की गई थीं, तब ही से मैं उत्‍पन्‍न हुई। (यूह. 1:1,2, यूह. 17:24, कुलुस्सियों. 1:17)
26 जब यहोवा ने न तो पृथ्वी और न मैदान, न जगत की धूलि के परमाणु बनाए थे, इनसे पहले मैं उत्‍पन्‍न हुई।
27 जब उसने आकाश को स्थिर किया, तब मैं वहाँ थी, जब उसने गहरे सागर के ऊपर आकाशमण्डल ठहराया,
28 जब उसने आकाशमण्डल को ऊपर से स्थिर किया, और गहरे सागर के सोते फूटने लगे,
29 जब उसने समुद्र की सीमा ठहराई, कि जल उसकी आज्ञा का उल्लंघन न कर सके, और जब वह पृथ्वी की नींव की डोरी लगाता था,
30 तब मैं प्रधान कारीगर के समान उसके पास थी; और प्रतिदिन मैं उसकी प्रसन्नता थी, और हर समय उसके सामने आनन्दित रहती थी।
31 मैं उसकी बसाई हुई पृथ्वी से प्रसन्‍न थी और मेरा सुख मनुष्यों की संगति से होता था।
32 “इसलिए अब हे मेरे पुत्रों, मेरी सुनो; क्या ही धन्य हैं वे जो मेरे मार्ग को पकड़े रहते हैं।
33 शिक्षा को सुनो, और बुद्धिमान हो जाओ, उसको अनसुना न करो।
नीतिवचन 8 in पवित्र बाइबिल