13 लड़के की ताड़ना न छोड़ना*; क्योंकि यदि तू उसको छड़ी से मारे, तो वह न मरेगा।
14 तू उसको छड़ी से मारकर उसका प्राण अधोलोक से बचाएगा।
15 हे मेरे पुत्र, यदि तू बुद्धिमान हो, तो मेरा ही मन आनन्दित होगा।
16 और जब तू सीधी बातें बोले, तब मेरा मन प्रसन्न होगा।
17 तू पापियों के विषय मन में डाह न करना, दिन भर यहोवा का भय मानते रहना।
18 क्योंकि अन्त में फल होगा, और तेरी आशा न टूटेगी।
19 हे मेरे पुत्र, तू सुनकर बुद्धिमान हो, और अपना मन सुमार्ग में सीधा चला।
20 दाखमधु के पीनेवालों में न होना, न माँस के अधिक खानेवालों की संगति करना;
21 क्योंकि पियक्कड़ और पेटू दरिद्र हो जाएँगे, और उनका क्रोध उन्हें चिथड़े पहनाएगी।
22 अपने जन्मानेवाले पिता की सुनना, और जब तेरी माता बुढ़िया हो जाए, तब भी उसे तुच्छ न जानना।
23 सच्चाई को मोल लेना, बेचना नहीं; और बुद्धि और शिक्षा और समझ को भी मोल लेना।