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नीतिवचन 15:28-31 in Hindi

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नीतिवचन 15:28-31 in पवित्र बाइबिल

28 धर्मी मन में सोचता है कि क्या उत्तर दूँ, परन्तु दुष्टों के मुँह से बुरी बातें उबल आती हैं।
29 यहोवा दुष्टों से दूर रहता है, परन्तु धर्मियों की प्रार्थना सुनता है। (यूह. 9:31)
30 आँखों की चमक* से मन को आनन्द होता है, और अच्छे समाचार से हड्डियाँ पुष्ट होती हैं।
31 जो जीवनदायी डाँट कान लगाकर सुनता है, वह बुद्धिमानों के संग ठिकाना पाता है।
नीतिवचन 15 in पवित्र बाइबिल