24 और खाने के लिए उन पर मन्न बरसाया, और उनको आसमानी खू़राक बख़्शी।
25 इंसान ने फ़रिश्तों की गिज़ा खाई:उसने खाना भेजकर उनको आसूदा किया।
26 उसने आसमान में पुर्वा चलाई, और अपनी कु़दरत से दखना बहाई।
27 उसने उन पर गोश्त को ख़ाक की तरह बरसाया, और परिन्दों को समन्दर की रेत की तरह;
28 जिनको उसने उनकी खे़मागाह में, उनके घरों के आसपास गिराया।
29 तब वह खाकर खू़ब सेर हुए, और उसने उनकी ख़्वाहिश पूरी की।
30 वह अपनी ख्वाहिश से बाज़ न आए, और उनका खाना उनके मुँह ही में था।
31 कि ख़ुदा का ग़ज़ब उन पर टूट पड़ा, और उनके सबसे मोटे ताज़े आदमी क़त्ल किए, और इस्राईली जवानों को मार गिराया।
32 बावुजूद इन सब बातों कि वह गुनाह करते ही रहे; और उसके 'अजीब — ओ — ग़रीब कामों पर ईमान न लाए।