7 ऐ ख़ुदावन्द, जल्द मुझे जवाब दे:मेरी रूह गुदाज़ हो चली! अपना चेहरा मुझ से न छिपा, ऐसा न हो कि मैं क़ब्र में उतरने वालों की तरह हो जाऊँ।
8 सुबह को मुझे अपनी शफ़क़त की ख़बर दे, क्यूँकि मेरा भरोसा तुझ पर है। मुझे वह राह बता जिस पर मैं चलूं, क्यूँकि मैं अपना दिल तेरी ही तरफ़ लगाता हूँ।
9 ऐ ख़ुदावन्द, मुझे मेरे दुश्मनों से रिहाई बख्श; क्यूँकि मैं पनाह के लिए तेरे पास भाग आया हूँ।
10 मुझे सिखा के तेरी मर्ज़ी पर चलूँ, इसलिए कि तू मेरा ख़ुदा है! तेरी नेक रूह मुझे रास्ती के मुल्क में ले चले!
11 ऐ ख़ुदावन्द, अपने नाम की ख़ातिर मुझे ज़िन्दा कर! अपनी सदाक़त में मेरी जान को मुसीबत से निकाल!