15 उन जानदारों में से जिनको वह ख़ुदावन्द के सामने पेश करते हैं, जितने पहलौठी के बच्चे हैं चाहे वह इंसान के हों चाहे हैवान के वह सब तेरे होंगे; लेकिन इंसान के पहलौठों का फ़िदिया लेकर उनको ज़रूर छोड़ देना और नापाक जानवरों के पहलौठे भी फ़िदिये से छोड़ दिए जाएँ।
16 और जिनका फ़िदिया दिया जाए वह जब एक महीने के हों, तो उनको अपनी ठहराई हुई क़ीमत के मुताबिक़ हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से जो बीस जीरे की होती है चाँदी की पाँच मिस्क़ाल लेकर छोड़ देना।
17 लेकिन गाय और भेड़ — बकरी के पहलौठों का फ़िदिया न लिया जाए, वह पाक हैं; तू उनका ख़ून मज़बह पर छिड़कना और उनकी चर्बी आतिशीन क़ुर्बानी के तौर पर जला देना, ताकि वह ख़ुदावन्द के सामने राहतअंगेज़ ख़ुशबू ठहरे।