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गिनती 21:5-17 in Hindi

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गिनती 21:5-17 in पवित्र बाइबिल

5 इसलिए वे परमेश्‍वर के विरुद्ध बात करने लगे, और मूसा से कहा, “तुम लोग हमको मिस्र से जंगल में मरने के लिये क्यों ले आए हो? यहाँ न तो रोटी है, और न पानी, और हमारे प्राण इस निकम्मी रोटी से दुःखित हैं।”
6 अतः यहोवा ने उन लोगों में तेज विषवाले साँप *भेजे, जो उनको डसने लगे, और बहुत से इस्राएली मर गए। (1 कुरि. 10:9)
7 तब लोग मूसा के पास जाकर कहने लगे, “हमने पाप किया है, कि हमने यहोवा के और तेरे विरुद्ध बातें की हैं; यहोवा से प्रार्थना कर कि वह साँपों को हम से दूर करे।” तब मूसा ने उनके लिये प्रार्थना की।
8 यहोवा ने मूसा से कहा, “एक तेज विषवाले साँप की प्रतिमा बनवाकर* खम्भे पर लटका; तब जो साँप से डसा हुआ उसको देख ले वह जीवित बचेगा।”
9 अतः मूसा ने पीतल को एक साँप बनवाकर खम्भे पर लटकाया; तब साँप के डसे हुओं में से जिस-जिस ने उस पीतल के साँप की ओर को देखा वह जीवित बच गया। (यूह. 3:14)
10 फिर इस्राएलियों ने कूच करके ओबोत में डेरे डालें।
11 और ओबोत से कूच करके अबारीम में डेरे डालें, जो पूर्व की ओर मोआब के सामने के जंगल में है।
12 वहाँ से कूच करके उन्होंने जेरेद नामक नाले में डेरे डालें।
13 वहाँ से कूच करके उन्होंने अर्नोन नदी, जो जंगल में बहती और एमोरियों के देश से निकलती है, उसकी दूसरी ओर डेरे खड़े किए; क्योंकि अर्नोन मोआबियों और एमोरियों के बीच होकर मोआब देश की सीमा ठहरी है।
14 इस कारण यहोवा के संग्राम नामक पुस्तक में इस प्रकार लिखा है, “सूपा में वाहेब, और अर्नोन की घाटी,
15 और उन घाटियों की ढलान जो आर नामक नगर की ओर है, और जो मोआब की सीमा पर है।”
16 फिर वहाँ से कूच करके वे बैर तक गए; वहाँ वही कुआँ है जिसके विषय में यहोवा ने मूसा से कहा था, “उन लोगों को इकट्ठा कर, और मैं उन्हें पानी दूँगा।”
17 उस समय इस्राएल ने यह गीत गया, “हे कुएँ, उमड़ आ, उस कुएँ के विषय में गाओ!
गिनती 21 in पवित्र बाइबिल