22 क्यूँकि जो इसको पा लेते हैं, यह उनकी ज़िन्दगी, और उनके सारे जिस्म की सिहत है।
23 अपने दिल की खू़ब हिफ़ाज़त कर; क्यूँकि ज़िन्दगी का सर चश्मा वही हैं।
24 कजगो मुँह तुझ से अलग रहे, दरोग़गो लब तुझ से दूर हों।
25 तेरी आँखें सामने ही नज़र करें, और तेरी पलके सीधी रहें।