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अम्सा 4:17-21 in Urdu

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अम्सा 4:17-21 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

17 क्यूँकि वह शरारत की रोटी खाते, और जु़ल्म की मय पीते हैं।
18 लेकिन सादिक़ों की राह सुबह की रोशनी की तरह है, जिसकी रोशनी दो पहर तक बढ़ती ही जाती है।
19 शरीरों की राह तारीकी की तरह है; वह नहीं जानते कि किन चीज़ों से उनको ठोकर लगती है।
20 ऐ मेरे बेटे, मेरी बातों पर तवज्जुह कर, मेरे कलाम पर कान लगा।
21 उसको अपनी आँख से ओझल न होने दे, उसको अपने दिल में रख।
अम्सा 4 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019