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अम्सा 4:16-27 in Urdu

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अम्सा 4:16-27 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

16 क्यूँकि वह जब तक बुराई न कर लें सोते नहीं; और जब तक किसी को गिरा न दें उनकी नींद जाती रहती है।
17 क्यूँकि वह शरारत की रोटी खाते, और जु़ल्म की मय पीते हैं।
18 लेकिन सादिक़ों की राह सुबह की रोशनी की तरह है, जिसकी रोशनी दो पहर तक बढ़ती ही जाती है।
19 शरीरों की राह तारीकी की तरह है; वह नहीं जानते कि किन चीज़ों से उनको ठोकर लगती है।
20 ऐ मेरे बेटे, मेरी बातों पर तवज्जुह कर, मेरे कलाम पर कान लगा।
21 उसको अपनी आँख से ओझल न होने दे, उसको अपने दिल में रख।
22 क्यूँकि जो इसको पा लेते हैं, यह उनकी ज़िन्दगी, और उनके सारे जिस्म की सिहत है।
23 अपने दिल की खू़ब हिफ़ाज़त कर; क्यूँकि ज़िन्दगी का सर चश्मा वही हैं।
24 कजगो मुँह तुझ से अलग रहे, दरोग़गो लब तुझ से दूर हों।
25 तेरी आँखें सामने ही नज़र करें, और तेरी पलके सीधी रहें।
26 अपने पाँव के रास्ते को हमवार बना, और तेरी सब राहें क़ाईम रहें।
27 न दहने मुड़ न बाएँ; और पाँव को बदी से हटा ले।
अम्सा 4 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019