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अम्सा 31:12-18 in Urdu

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अम्सा 31:12-18 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

12 वह अपनी उम्र के तमाम दिनों में, उससे नेकी ही करेगी, बदी न करेगी।
13 वह ऊन और कतान ढूंडती है, और ख़ुशी के साथ अपने हाथों से काम करती है।
14 वह सौदागरों के जहाज़ों की तरह है, वह अपनी ख़ुराक दूर से ले आती है।
15 वह रात ही को उठ बैठती है, और अपने घराने को खिलाती है, और अपनी लौंडियों को काम देती है।
16 वह किसी खेत की बारे में सोचती हैऔर उसे ख़रीद लेती है; और अपने हाथों के नफ़े' से ताकिस्तान लगाती है।
17 वह मज़बूती से अपनी कमर बाँधती है, और अपने बाज़ुओं को मज़बूत करती है।
18 वह अपनी सौदागरी को सूदमंद पाती है। रात को उसका चिराग़ नहीं बुझता।
अम्सा 31 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019