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अम्सा 26:11-18 in Urdu

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अम्सा 26:11-18 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

11 जिस तरह कुत्ता अपने उगले हुए को फिर खाता है, उसी तरह बेवक़ूफ़ अपनी बेवक़ूफ़ी को दोहराता है।
12 क्या तू उसको जो अपनी नज़र में 'अक़्लमंद है देखता है? उसके मुक़ाबिले में बेवक़ूफ़ से ज़्यादा उम्मीद है।
13 सुस्त आदमी कहता है, राह में शेर है, शेर — ए — बबर गलियों में है!
14 जिस तरह दरवाज़ा अपनी चूलों पर फिरता है, उसी तरह सुस्त आदमी अपने बिस्तर पर करवट बदलता रहता है।
15 सुस्त आदमी अपना हाथ थाली में डालता है, और उसे फिर मुँह तक लाना उसको थका देता है।
16 काहिल अपनी नज़र में 'अक़्लमंद है, बल्कि दलील लाने वाले सात शख्सों से बढ़ कर।
17 जो रास्ता चलते हुए पराए झगड़े में दख़्ल देता है, उसकी तरह है जो कुत्ते को कान से पकड़ता है।
18 जैसा वह दीवाना जो जलती लकड़ियाँ और मौत के तीर फेंकता है,
अम्सा 26 in इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019