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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - हिज़ि

हिज़ि 26

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1और ग्यारवें बरस में महीने के पहले दिन ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
2कि 'ऐ आदमज़ाद, चूँकि सूर ने येरूशलेम पर कहा है, 'अहा हा! वह क़ौमों का फाटक तोड़ दिया गया है, अब वह मेरी तरफ़ मुतवज्जिह होगी, अब उसकी बर्बादी से मेरी मा'मूरी होगी।
3इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि देख, ऐ सूर मैं तेरा मुख़ालिफ़ हूँ और बहुत सी क़ौमों को तुझ पर चढ़ा लाऊँगा, जिस तरह समन्दर अपनी मौजों को चढ़ाता है।
4और वह सूर की शहर पनाह को तोड़ डालेंगे, और उसके बुरजों को ढादेंगे और मैं उसकी मिट्टी तक ख़ुर्च फेंकूँगा और उसे साफ़ चट्टान बना दूँगा।
5वह समन्दर में जाल फैलाने की जगह होगा क्यूँकि मैं ही ने फ़रमाया, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, और वह क़ौमों के लिए ग़नीमत होगा।
6और उसकी बेटियाँ जो मैदान में हैं, तलवार से क़त्ल होंगी और वह जानेंगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
7क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि देख, मैं शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र को जो शहनशाह है, घोड़ों और रथों और सवारों और फ़ौजों और बहुत से लोगों के गिरोह के साथ उत्तर से सूर पर चढ़ा लाऊँगा;
8वह तेरी बेटियों को मैदान में तलवार से क़त्ल करेगा और तेरे चारों तरफ़ मोर्चाबन्दी करेगा, और तेरे सामने दमदमा बाँधेगा और तेरी मुख़ालिफ़त में ढाल उठाएगा।
9वह अपने मन्जनीक को तेरी शहर पनाह पर चलाएगा, और अपने तबरों से तेरे बुर्जों को ढा देगा।
10उसके घोड़ों की कसरत की वजह से इतनी गर्द उड़ेगी कि तुझे छिपा लेगी जब वह तेरे फाटकों में घुस आएगा, जिस तरह रखना करके शहर में घुस जाते हैं, तो सवारों और गाड़ियों और रथों की गड़गड़ाहट की आवाज़ से तेरी शहरपनाह हिल जाएगी।
11वह अपने घोड़ों के सुमों से तेरी सब सड़कों को रौन्द डालेगा, और तेरे लोगों की तलवार से क़त्ल करेगा और तेरी ताक़त के सुतून ज़मीन पर गिर जाएँगे।
12और वह तेरी दौलत लूट लेंगे, और तेरे माल — ए — तिजारत को ग़ारत करेंगे और तेरे शहर पनाह तोड़ डालेंगे तेरे रंगमहलों को ढा देंगे, और तेरे पत्थर और लकड़ी और तेरी मिट्टी समन्दर में डाल देंगे।
13और तेरे गाने की आवाज़ बंद कर दूँगा और तेरी सितारों की आवाज़ फिर सुनी न जायेगी।
14और मैं तुझे साफ़ चट्टान बना दूँगा तू जाल फैलाने की जगह होगा और फिर ता'मीर न किया जाएगा क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द ने यह फ़रमाया है, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
15ख़ुदावन्द ख़ुदा सूर से यूँ फ़रमाता है: कि जब तुझ में क़त्ल का काम जारी होगा और ज़ख्मी कराहते होंगे, तो क्या बहरी मुल्क तेरे गिरने के शोर से न थरथराएँगे?
16तब समन्दर के हाकिम अपने तख़्तों पर से उतरेंगे और अपने जुब्बे उतार डालेंगे और अपने ज़रदोज़ पैराहन उतार फेकेंगे, वह थरथराहट से मुलब्बस होकर ख़ाक पर बैठेगे, वह हरदम काँपेंगे और तेरी वजह से हैरत ज़दा होंगे।
17और वह तुझ पर नोहा करेंगे और कहेंगे, 'हाय, तू कैसा हलाक हुआ जो बहरी मुल्कों से आबाद और मशहूर शहर था, जो समन्दर में ताक़तवर था; जिसके बाशिन्दों से सब उसमें आमद — ओ — रफ़त करने वाले ख़ौफ़ खाते थे!
18अब बहरी मुल्क तेरे गिरने के दिन थरथरायेंगे हाँ, समन्दर के सब बहरी मुल्क तेरे अन्जाम से परेशान होंगे।

19“क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि जब मैं तुझे उन शहरों की तरह जो बे चराग़ हैं, वीरान कर दूँगा; जब मैं तुझ पर समन्दर बहा दूँगा और जब समन्दर तुझे छिपा लेगा,
20तब मैं तुझे उनके साथ जो पाताल में उतर जाते हैं, पुराने वक़्त के लोगों के बीच नीचे उतारूँगा, और ज़मीन के तह में और उन उजाड़ मकानों में जो पहले से हैं, उनके साथ जो पाताल में उतर जाते हैं; तुझे बसाऊँगा ताकि तू फिर आबाद न हो, लेकिन मैं ज़िन्दों के मुल्क को जलाल बख़्सूँगा।
21मैं तुझे जा — ए — 'इबरत करूँगा और तू हलाक होगा, हर चन्द तेरी तलाश की जाए तो तू कहीं हमेशा तक न मिलेगा, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।”